नीलकमल दरबारी सहित कई नामी हस्तियों की मौजूदगी में पुस्तक का विमोचन हुआ


 


दिल्ली के लुट्येन्स रिसोर्ट में कविता यादव द्वारा लिखी पुष्तक श्इंद्रधनुष का आठवां रंगश् का विमोचन किया गया।ये सारा एक छत के नीचे सिर्फ श्ब्लू रोज पब्लिशरश् के वजह से हुआ।इस खास मौके पे आईएएस के पद पे कार्य कर चुकी नीलकमल दरबारी और इंडियन आयल कारपोरेशन में बतौर चीफ मैनेजर के पद कार्यरत और नेशनल बेस्ट सेलर बुकश् फ्रॉम एशेज टू ड्रीम्सश् की लेखिका मिस रश्मि त्रिवेदी जी और ब्लू रोज पब्लिशर के संस्थापक सईद अरशद भी मौजूद थे।पुष्तक विमोचन के साथ ही लेखिका अपनी पुष्तक का जिक्र करते हुए बताती है कि श् इंद्रधनुष का आठवां रंगश् लिखने के पीछे एक कारण है।कुछ दिनों पहले उन्हें किसी बीमारी के वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, जिससे वो काफी परेशान हो गयी।वही पे उन्होंने पुष्तक लिखना शुरू किया। इंद्रधनुष का आठवां रंगश् से उनका आशय ये है कि हमारे जीवन मे आये दिन काफी परेशानी आती रहती हैं, बदलाव भी आते रहते है और समय भी तेजी से हाथों से निकलता जा रहा हैं।इन सभी परेशानियों के परे जब हम अपने अंतरात्मा को खुश कर देते है, और वही खुशी सूर्य की चमके खुद के लिए उसे श् इंद्रधनुष का आठवा रंगश् कहते है। लेखिका ने ये भी कहा जिंदगी में किसी प्रकार की परेशानी आये तो हमे उससे घबराना नही चाहिए बल्कि उसका डट के सामने करना चाहिए।उन्होंने ये भी कहा कि जिस प्रकार काले बादल पूरे आसमान में छा जाते है, और जैसे ही सूर्य निकलता है तो इंद्रधनुष निकलता है उसी तरह हमे भी मेहनत करनी चाहिए, ताकि हम भी इंद्रधनुष की तरह जब निकले तो लोग प्रसन्नता से खुश हो जाये।उन्होंने ये कहा कि हमे अपने जीवन मे किसी के सलाह से कुछ करने और बनने की जरूरत नहीं हैं, हमारा अन्तर्मन जो कहता है हमे वही करनी चाहिए। लेखिका उद्देश्य पुष्तक के माध्यम से पाठको को इन अद्वितीय की सुदंरता का एहसास करने के लिए प्रेरित कराना हैं। इसके बाद नीलकमल दरबारी जी, जो पेशे से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के मैनेजिंग निर्देशक के पद पे कार्यरत हैं। अपनी एम.बी.ए.की डिग्री ऑस्ट्रेलिया के साउथर्न क्रॉस विश्वविधालय से प्राप्त कर चुकी हैं।वे अपनी जिंदगी के कुछ खास पहलू पाठको को बताई। वो आईएएस के अलावा भी काफी अच्छे पद पे कार्य कर चुकी हैं।इस्पात मंत्रालय में निदेशक तथा रसायन मंत्रालय में पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के प्रभारी संयुक्त सचिव, इसके साथ- साथ 1987 के बैच में राजस्थान कैडर में बतौर आईएएस अफसर के पद पे कार्यरत थी। लेखिका ने ये भी बताया कि इन्हें बचपन से लिखने का शौख था लेकिन जो इन्हें श् ब्लू रोज पब्लिशरश् के पास लाया वो रश्मि त्रिवेदी जी थी, जिन्होंने रश्मि त्रिवेदी का शुक्रिया अदा किया।साथ ही रश्मि त्रिवेदी ने लेखिका की प्रसन्ता करते हुए कहा कि कविता यादव एक टैलेंट से भरी पड़ी।श्ब्लू रोज पब्लिशर के संस्थापक सईद अरशद ने लेखिका और उनके पुस्तक की काफी प्रसन्नता की और बताया कि कविता यादव जैसे कवित्री बहुत कम ही है जो अपने घर परिवार के देख-रेख के साथ खुद की कंपनी में निर्देषक के बाद इतनी खूबसूरत पुष्तक लिखना आमबात नही हैं  दर्शकों ने ब्लू रोज पब्लिशर तले पुस्तक लॉन्चिंग को खास बना दिया...इस मौके पर लुट्येन्स रिसोर्ट में दर्शकों को हुजूम उमड़ पड़ा.... लोगों की भीड़  संभालने के लिए ब्लू रोज पब्लिशर को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ा.....पुस्तक विमोचन के मौके पर ब्लू रोज पब्लिशर संस्थापक सईद अरशद ने लुट्येन्स रिसोर्ट में दर्शकों के बीच जमकर लेखिका की तारीफ की, और कहा कि श् लेखक कविता की कविताएं एक ऐसे सुंदरता को दर्शाती हैं जो पाठकों से हमेशा आभारी रहने का आग्रह करती हैं। इसके साथ ही लेखिका की किताब श्इंद्रधनुष का आठवां रंगश् का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज की तेज तर्रार और बदलती जिंदगी में हम अक्सर हमारे जीवमें उलझनों का सामना करना पड़ता हैं, जिन्हें हम अपने अंदर महसूस करते हैं....हम जीवन की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं जो बाद में बड़ी सीख बनकर उभरती हैं...लेखिका  कविता यादव और उनकी किताब श्इंद्रधनुष का आठवां रंगश् की तारीफ करते हुए सईद अरशद ने कहा कि इस पुस्तक ने मेरे मन को छू लिया है। उन्होंने ये भी कहा कि हमे अपने हुनर को खुद ही तरासनी चाहिए...इसके बाद सईद अरशद ने कहा कि हम लेखिका के आभारी हैं जिन्होंने इसके अदभुत रचना के लिए ब्लू रोज पब्लिशर को चुना है.... मैं लेखिका को ब्लू रोज फैमिली का हिस्सा मानने के लिए बाध्य हूं.... सईद अरशद ने बताया कि लेखिका कविता यादव हमारे एक परिवार जैसे है जिन्होंने कुछ ही पलों में अपने जैसा हो गयी। लेखिका को चित्रकारी का भी शौख हैं। लेखिका के निजी जीवन की बात करे तो ये स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर चुकी है, अभी फिलहाल ये अपने निजी कंपनी में निर्देशक के पद पे कार्यरत हैं।इस कार्यक्रम में बहुत जाने माने लेखक और कई आदरणीय लोग भी मौजूद थे इसके अलावा कही डॉक्टर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।