विचित्रताओं से भरे पेड़-पौधे




यह सृष्टि कितनी विचित्र है, यह समझ पाना मुश्किल है। सृष्टि की इन विचित्रताओं से पेड़-पौधे भी अछूते नहीं लेकिन आज मनुष्य इन पेड़-पौधों को इस कदर नष्ट करने पर तुला है कि इनके अस्तित्व समाप्त होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया। इन पेड़-पौधों की विचित्रताओं एवं उपयोगिता को देखते हुए इन्हें बचाए रखना क्या मानवों का कर्तव्य नहीं।


प्रस्तुत हैं कुछ ऐसे ही विचित्रताओं से भरे पेड़-पौधों के बारे में रोचक जानकारीः-
0 उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में कुकुरमुत्ता की एक ऐसी प्रजाति पाई जाती है जो एक मिनट में 5 सेमी. तक बढ़ जाती है। इसकी वृद्धि हम नंगे आंखों भी देख सकते हैं।
0 दक्षिणी अमेरिका में एक ऐसा पेड़ पाया जाता है जिसकी डालों को काटते ही दूध-सा एक तरह का सफेद पदार्थ निकलता है जिसे वहां के लोग उबाल कर पीते हैं। यह दूध की तरह स्वादिष्ट होता है।
0 अफ्रीका में एक ऐसा पेड़ पाया जाता है जिसपर किसी चीज का चूर्ण डाल देने पर बच्चे की हंसने-सी आवाज आती है।
0 ब्राजील में एक रोने वाला पौधा मोर्नर प्लाण्ट‘ पाया जाता है। इससे दिन में संगीत की आवाज निकलती है पर रात में सिसकियों एवं दर्द भरी आवाज। वनस्पति वैज्ञानिक इसका कारण सूर्य के प्रकाश को मानते हैं।
0 छुईमुई का पौधा थोड़े-से स्पर्श मात्र से मुरझा जाता है।
0 हिमालय पर पाई जाने वाली ‘सोम औषधि‘ में प्रतिपदा से पूर्णिमा तक 15 पत्ती लगती हैं एवं अमावस्या आने तक झड़ जाती हैं। पत्ती विहीन पौधा रात्रि में चमकता रहता है।
0 मलाया के जंगलों में पाये जाने वाला पेड़ ‘कैण्डलोना‘ वनस्पति जगत का दिशासूचक है। इसकी डालियां सदैव दक्षिण-दिशा में झुकी रहती हंै।
0 सुमात्रा के समुद्री तट पर पाये जाने वाला ‘मैन ईटर ट्री‘ एक नरभक्षी पादप है। उसकी शाखाएं पास से गुजरने वाले राहगीर को अपने शिकंजे में तब तक रखे रहती हंै जब तक वह मर नहीं जाता। व्यक्ति के मर जाने पर शाखाएं स्वयं ऊपर की ओर उठ जाती हंै।