कब्ज को दूर रखते हैं सुपरफूड्स


एजेंसी
कब्ज एक आम समस्या है जो अधिकतर हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ी होनी है। अधिकांश बीमारियां भी हमारे पेट से जुड़ी होती हैं, इस लिए पेट का स्वस्थ रहना आवश्यक है। कब्ज वाले लोगों की पाचन क्रिया ठीक न होने के कारण पेट में पड़े पड़े मल सख्त हो जाता है और पेट अच्छी तरह से साफ नहीं होता जिससे गैेस, बदहजमी व एसिडिटी जैसी समस्याएं हमें परेशान करती रहती हंै। लगातार गलत खानपान और पानी कम पीने से अधिकतर लोग कब्ज से परेशान रहते हैं। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं अगर उन्हें हम अपनी डाइट का हिस्सा बना लें तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।




खाएं खट्टे फल:-
खट्टे फलों में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है और इनमें मौजूद रेशा, पोटेशियम, फाॅलेट और कैल्शियम हमारी पाचन क्रिया को दुरूस्त रखने में मदद करते हैं जिससे कब्ज की परेशानी से राहत मिलती है। नियमित रूप से संतरे, मौसमी,नींबू, नारंगी, आंवला आदि का सेवन करें।



पानी खूब पिएं:-
पानी का कम सेवन करने वालों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है इसलिए इस समस्या से परेशान लोगों को पानी का सेवन दिन भर में 7-8 से गिलास अवश्य करना चाहिए ताकि समस्या से छुटकारा पाया जा सके। खाने के तुरंत बाद पानी का सेवन न करें।



पपीता खाएं:-
पपीते में भी फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो आंतों की सफाई करने में मदद करती है। फाइबर के अतिरिक्त पपीते मंे विटामिन ए, पोटेशियम और कैल्शियम भी होता है। इसका नियमित सेवन कब्ज के साथ-साथ पेट की कई बीमारियों से राहत दिलाता है।



खाएं पाॅपकार्न:-
पाॅपकार्न में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो पेट के लिए अच्छे होते हैं। पाॅपकार्न में कैलोरीज की मात्रा काफी कम होती है। फाइबर और एंटी आक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा होने के कारण पेट को इसका लाभ मिलता है। नियमित रूप से सीमित मात्रा में पाॅपकार्न खाएं पर बटर वाले पाॅॅपकाॅर्न न खाएं।



करें दही का सेवन:-
शोधकर्ताओं के अनुसार दही में पाए जाने वालेे प्रोबायोटिक्स मल को साॅफ्ट ंकर पेट साफ करने में मदद करते हैं। दही की तासीर ठंडी होने के कारण दही का सेवन कब्ज और गैस जैसी बीमारियों से राहत दिलाता है। दही में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जैसे पोटेशियम, विटामिन्स, फास्फोरस, जिंक, विटामिन बी5 आदि जो हमारे पाचन तंत्र को लाभ पहुंचाते हैं।


खाएं बीन्स:-
कब्ज वाले लोगों को बीन्स का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि बीन्स में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। नियमित रूप से बीन्स का सेवन करने से पेट अच्छी तरह साफ होता है जिससे पेट से जुड़ी तकलीफों से राहत मिलती है। पाचन क्रिया दुरूस्त बनती है।


सूखा आलूबुखारा और अंजीर खाएं:-
सूखा आलूबुखारा और अंजीर फाइबर से भरपूर होते हंै। इनके सेवन से कब्ज दूर होती है। सूखा आलूबुखारा खाने से मल आसानी से निकलता है। ध्यान दें इसका सेवन सीमित मात्रा में करें नहीं तो नुकसान भी पहंुच सकता है। दो अंजीर को रात्रि में पानी में भिगोकर खाली पेट सुबह खाएं। पेट साफ होगा और पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।


करें दलिये का सेवन:-
दलिये का नियमित सेवन कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा काफी होती है। दलिया पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है और वजन घटाने में भी मदद करता है। नमकीन सब्जियों वाला दलिया पेट के लिए अधिक लाभप्रद है। कभी कभी मीठा दूध वाला दलिया भी ले सकते हैं।


नियमित सेब खाएं:-
खाली पेट छिलके सहित एक सेब का सेवन पेट को आराम पहुंचाता है। सेब में सर्बिटोल नाम का तत्व होता है जो मल के कड़ेपन की समस्या से राहत दिलाता है। खाना खाने के तुरंत बाद सेब का सेवन न करें।


करें पालक का सेवन:-
पालक में अघुलनशील फाइबर होता है जो पाचन को सुधारने में मदद करता है और मल को आसानी से बाहर निकालने में भी मदद करता है। पौष्टिकता से भरपूर पालक में विटामिन ए,बी2,सी और के अलावा मैगनीशियम,मैगजीन, फालेट, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम भी होता है। पथरी वाले रोगी ंपालक को सीमित मात्रा में लें। उसमें टमाटर का प्रयोग न करें।



पुदीना:-
शोध के मुताबिक पुदीने का सेवन कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए लाभप्रद होता है। इसके सेवन से पेट की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और पाचन क्रिया में सुधार होता है।



क्यों होती है कब्ज:



  •  पानी कम पीने से।

  • नाश्ता न करने से।

  •  अधिक मात्रा में चाय, काफी, अल्कोहल के सेवन से।

  • मैदे से बने खा़द्य पदार्थों के सेवन से।

  • नींद पूरी न लेने से।

  • घंटों बैठकर काम करने से।

  •  बवासीर, मलद्वार में कंैसर होने पर।

  •  खाने-पीने में रेशेदार खा़द्य पदार्थों की कमी।

  • अधिक मात्रा में अंडे और मांसाहार के सेवन से।

  •  गर्भावस्था, मानसिक परेशानी, बुढ़ापा आदि अवस्था में।

  •  व्यायाम की कमी।

  •  गलत खान-पान की आदतों से।

  •  नींद की गोलियों के सेवन से और नशीली दवाओं के सेवन से।