द्वीपों के जीवन का स्वर्गिक सौंदर्य


एजेंसी
प्रकृति बड़ी न्यारी है जो इस पृथ्वी पर कई प्रकार की साज-सज्जा करती है। हिमालय जैसा पर्वतीय सौंदर्य उसने भारत को दिया तो चारों ओर से विशाल समुद्र से घिरे इन हरे-भरे अण्डमान टापुओं को भी विभूषित किया। इन टापुओं का द्वीपीय जीवन मानव जीवन का एक और ही पक्ष प्रस्तुत करता है।
सुबह की पहली रश्मि के साथ उगते सूरज तथा संध्या की बेला में मेरिना पार्क के समीप समुद्र की लहरों में अनायास आसक्त मन खो जाता है। बालक, युवा, वृद्ध तथा महिलाओं की उपस्थिति यहां पर एक मनोरम दृश्य उपस्थित करती है जिससे मन को अलौकिक आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए ये द्वीप प्रकृति का पालना हैं जिस पर दूर क्षितिज पर अरूण सूर्योदय की लाली, फैले समुद्र की उजलती, कूदती, हिलोरें मारती लहरों का मनमोहक रंगीन नृत्य घंटों देखते-देखते मन नहीं अघाता। दोपहर का प्रचण्ड रवि इन भूखण्डों के अन्तर्मन को स्पष्ट प्रकाशित करता है। तो संध्या को यह तरूण सूर्य अपनी किरणें समटेता हुआ फिर दूर क्षितिज पर नीले मलय खण्डों के बीच अस्त होता हुआ बड़ा शोभायमान लगता है।
हर छः घण्टों के बाद बारी-बारी से ज्वार और भाटे का खेल समुद्र रात और दिन अविरल गति से बराबर खेला करता है जो जीवन में स्पन्दन भरता है। पूर्णमासी की मादक, नशीली, दमकती, चमकती रात्रि को अपार स्वर्णिम छलछलाते उछलते, उफनते सागरीय दृश्यों की मौज भरी कहानी का आनंद आता है। समुद्र तट पर प्रातः एवं सांध्यकालीन सैर-सपाटे का अपना ही मजा है जबकि शीतल-शांत, मृदुल वायु झकोरे मन को प्रफुल्लित करते है। वर्षा का दीर्घकालिक मौसम भी द्वीपों में अति सुहावना रहता है।
 सदाबहार वनों पर नेत्रप्रिय हरियाली पर हरियाली छाई चली गई होती है। द्वीपों के बालू या कोरल निर्मित पुलिन पर समुद्र स्नान का एक अद्भुत मजा है जो चर्मरोग की प्राकृतिक रामबाण चिकित्सा   है। नौका विहार और पाल नौकायन जैसे पानी के खेलों का प्रावधान यहां वरदान है। शिकारियों द्वारा मछली के शिकार के लिए यहां का समुद्र समृद्ध है जिसमें कई प्रकार की असंख्य मछलियां विहार करती मिलंेगी। मछली समुद्र की ऐसी ही शोभा है जैसे नारी धरती की।



यहां धूप, धूल तथा धुआंरहित शुद्ध, शांत वातावरण है जो मानसिक शांति प्रदान करता है परन्तु समय में परिवर्तन के साथ-साथ यहां के जीवन में संघर्ष की मात्रा भी बढ़ती जा रही है। जन-जीवन तीव्रगामी हो रहा है। विभिन्न संस्कृतियों के समागम का दिग्दर्शन यहां होता है। द्वीपों में पनपी द्वीप सभ्यता यहां अपनी है जिनमें जन-जातीय समाज का भी एक पन्ना जुड़ा हुआ है। छिछले तट लिए ये टापू हर मौसम में दर्शनीय हंै, केवल गर्मी और वर्षा के मौसम ही डेरा-डाले रहते हैं।
द्वीपों का सौंदर्य स्विटजरलैंड से कम नहीं है। कहीं कम गहरे पानी की छोटी संकरी झील है, कहीं रीफ अर्थात प्रवाॅल या चट्टान अपना सिर उठाये पानी में खड़ी है। इस प्रकार छिछला समुद्र तट द्वीपों की पृष्ठभूमि को और भी सौंदर्य प्रदान करता है जबकि मछुआरों की कई आकार-प्रकार की छोटी-बड़ी मछलीमार नौकाएं बंधी पानी में हिलती-डुलती रहती है या बन्दरगाह पर लंगर डाले जहाज अपने ऊंचे मस्तूल खडे़ किये मुख्यभूमि की लंबी समुद्री थकान भरी यात्रा पर जाने की प्रतीक्षा में खड़े रहते हैं। बादलों और सूर्य की आंख मिचैली का खेल दिन भर यहां की खाड़ी पर घटता रहता हैं।
प्रकृति यहां पर अपना नित नया रूप सजाती है, मिटाती है और फिर बनाती है। यही क्रम बूझे अनबूझे चलता रहता है क्योंकि द्वीप अलग-अलग स्थान होते हैं और अपने में एक छोटा संसार भी। द्वीपों में छोटी-छोटी वस्तुओं का महत्त्व होता है जैसे मछलियों का तैरना तथा छलांगें मारना, दिन भर में मछलियों का कितना शिकार किया, नारियल तथा सुपारी फलों का सुखाना, तथा बाहर से आते हुए जहाज देखना। यही द्वीप जीवन की देन है और सौंदर्य भी।
जो कालेपानी से दूर-दराज के इन द्वीपों के काफी घने  संबंध में रहा हो, वह मानव हृदय यहीं का होकर रह जाता है। यही तो यहां के सौंदर्य का आकर्षण है। यहां पर द्वीपों का विकास अपने ढंग से है। यह सब कुछ वहां की भौगोलिक, आर्थिक व सामाजिक वातावरण पर निर्भर है। द्वीप पर गुजरते दिन की छोटी-छोटी घटनाएं महत्त्वपूर्ण होती हैं।
प्रकृति सुन्दर होती है। द्वीप प्रकृति के समीप बसते हैं। समुद्र की सत्ता हर जगह है। पक्षी आते हैं और जाते हैं। न वेे हमसे प्रश्न करते हैं और न हमारी आलोचना। दोपहर का सूर्य प्रखर होता हैं। जब हवाएं तेज चलती हैं और समुद्र में लहरें ऊंची उठती हैं तो प्रतीत होता है कि सागर का खारा पानी सारी द्वीप धारा को बहा देगा परन्तु ये तो प्रकृति के अपने दृश्य हैं जो भरपूर सृजन करते हंै। उसके अपने तरीके भी बड़े विचित्र हैं जो चुपचाप कालापानी जैसे अनेक प्रकार के स्थल आकारों को सदा विकसित करते रहते है।
हरे भरे नारियल वृ़क्षों की घनी छाया से आच्छादित स्थित, समुद्र तट के पास से जाती हुई, पक्की सड़क पर घूमने-फिरने, सैर-सपाटे और  वन भोजन का कुछ अपना ही मजा है जहां सामने लहराते, ठाठें मारता समुद्री सौदर्य जीवन की विशालता, गंभीरता एवं अनेक भावों को दर्शाता है। ये द्वीप विश्व के भूगोल पर सबसे अलग और विचित्र हैं, क्योंकि विभिन्न संस्कृतियों का समावेश  और एक पुंज स्वरूप यही मिलता है।
दूसरे शब्दों में यहां एक दूसरा भारत बसा है। अनेकता में एकता है जो द्वीप सौंदर्य को गहरे में दर्शाती है। अनूठा सूर्योदय उषाकाल में, मृदुल  हवाओं में यदि जीवन में नवयौवन एवं उमंग भरता है तो सायंकालीन सबरंगा सूर्यास्त पल पल दूर क्षितिज पर नीचे सरकता-ढलता तिल-तिल ढलती लालिमा समुद्र कभी शांत तो कभी असंख्य चंचल लहरों से क्रीड़ा करता है।