होली पर कटे चालान

 



नई दिल्ली। इस बार होली का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से बीता और पिछले साल के मुकाबले कम सड़क हादसे हुए। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ बरती गई सख्ती की बदौलत चालान ज्यादा किए गए। होली पर सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी साफ नजर आई। रूल तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने में भी पुलिस ने कोई कोताही नहीं बरती।
पिछले साल के मुकाबले इस साल होली पर जानलेवा सड़क हादसों की संख्या घटकर आधी रह गई।
पुलिस के अनुसार, होली पर इस बार सभी जिलों के डीसीपी को निर्देश दिए गए थे कि वे खुद फील्ड में जाकर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लें। सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए लोकल थानों और जिलों के अधिकतम स्टाफ की फील्ड में तैनाती की गई। लोकल स्टाफ के अलावा 33 कंपनी रिजर्व फोर्स भी तैनात की गई थीं। जुगआर टीमों के जरिए पट्रोलिंग भी बढ़ाई गई। संवेदनशील जगहों पर पिकेट लगातार और अतिरिक्त स्टाफ तैनात करके चेकिंग की गई। कई जगहों पर लोकल पुलिस, पीसीआर और ट्रैफिक पुलिस की जॉइंट टीमें तैनात रहीं।
पुलिस ने सुरक्षा इंतजामों में आरडब्लूए के सदस्यों, पुलिस मित्रों और प्रहरी आदि की भी मदद ली, ताकि होली पर हुड़दंगियों पर लगाम रखी जा सके। यूनिवर्सिटी एरिया, हॉस्टल्स और उन जगहों पर, जहां बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स पीजी में रहते हैं, वहां खासतौर से सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए थे। बड़ी तादाद में महिला पुलिसकर्मी भी फील्ड में तैनात थीं। सादे कपड़ों में भी पुलिस की टीमों को संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया था।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, पिछले साल जहां होली पर पीसीआर को 14,504 कॉल्स मिली थीं, वहीं इस साल 11,568 कॉल्स ही आईं। ट्रैफिक पुलिस की भी 100 से ज्यादा टीमें पूरी दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर तैनात थीं। सभी टीमों के पास ड्रंकन ड्राइविंग करने वालों की जांच के लिए एल्कोमीटर मौजूद थे। इसके अलावा चुनिंदा जगहों पर इंटरसेप्टर्स लगाकर ओवर स्पीडिंग करने वालों की भी धरपकड़ की गई। पिछले साल के मुकाबले इस साल जहां चालान ज्यादा कटे, वहीं जानलेवा सड़क हादसों की संख्या में कमी आई। चेकिंग के दौरान पुलिस ने कईं गाड़ियां जब्त भी कीं।