मैं अपनी किस्मत की वजह से एक्टे्स हूं : श्रद्धा कपूर

 



03 मार्च 1987 को बाॅलीवुड के जाने माने विलेन शक्ति कपूर और एक्ट्रेस शिवांगी के घर मंुबई में पैदा हुई श्रद्धा कपूर का नाम आज बाॅलीवुड की उन एक्ट्रेसों में शामिल हंै जिन्होंने अपने फिल्मी बैकग्राउंड का कभी किसी तरह फायदा उठाने की कोशिश नहीं की।
श्रद्धा कपूर फिल्मों में अपने किरदार को परफेक्ट बनाने के लिए जिस तरह मेहनत करती हैं, उससे हर कोई काफी अच्छे से वाकिफ है। शायद यही वजह रही कि कई फ्लाॅप के बावजूद श्रद्धा कपूर की डिमांड में कभी, कमी नहीं आई।
श्रद्धा कपूर ने कैरियर की शुरूआत ’तीन पत्ती’ (2010) में अपर्णा खन्ना नाम की लड़की के बेहद संक्षिप्त किरदार के साथ की थी। ’लव का द एंड’ (2011) में भी भी उनका बेहद छोटा किरदार था। उन्हें पहचान मिली ’आशिकी 2’ (2013) के साथ। इस फिल्म  ने बाॅक्स आॅफिस पर बहुत अच्छा बिजनेस किया।
मोहित सूरी द्वारा निर्देशित ’आशिकी 2’ (2013) में श्रद्धा कपूर आदित्य राॅय कपूर के अपोजिट थी। इस फिल्म के साथ उनका कैरियर नई ऊंचाइयांे पर पहंुच गया। ’उंगली’ (2014) ’ए फ्लाइंग जट’ (2016) और रेमो डिसूजा की जयेश प्रधान द्वारा निर्देशित ’नवाबजादे’ (2018) जैसी फिल्मों में श्रद्धा कपूर ने सिर्फ आयटम नंबर किए।
’हैदर’ (2014) में श्रद्धा कपूर ने एक डी ग्लैमरस लड़की का किरदार निभाया। फिल्म न सिर्फ बाॅक्स आॅफिस पर हिट रही बल्कि क्रिटिक्स के मन को भी खूब भायी।  
’एबीसीडी 2’ (2015) में श्रद्धा कपूर ने अपनी डांसिंग स्किल का परिचय दिया। ’बागी’ (2016) में वह टाइगर श्राॅफ के साथ थीं। यह फिल्म भी अच्छी खासी हिट रही लेकिन उसके बाद उनकी ’राॅक आॅन 2’ (2016) ’ओ.के.जानू’ (2017) ’हाफ गर्लफ्रेंड’ (2017) ’हसीना पारकर’(2017) और ’बत्ती गुल मीटर चालू’ (2018) फ्लाॅप रही लेकिन ’स्त्राी’ (2018) में उन्होंने एक बार फिर कमाल कर दिखाया।
श्रद्धा कपूर मेें छोटे शहर की लड़की जैसी मासूमियत नजर आती है तो बड़े शहर की लड़की की तरह ग्लैमर भी उनके पास है। यह उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत है। इस वक्त श्रद्धा कपूर हिंदी और तेलुगू में बन रही ’साहो’ के अलावा ’दंगल’ फेम नितेश तिवारी की सुशांत सिंह के अपोजिट वाली ’छिछोरे’ कर रही हंै। अमोल गुप्ते के निर्देशन में साइना नेहवाल की बायोपिक भी उनके कैरियर के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है।